जिंदगी शायरी हिंदी में, जिंदगी की सच्चाई शायरी

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जिंदगी शायरी हिंदी में



वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता
धोखा मैंने उस शख्स से यूँ न खाया होता
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।

तुझसे कोई शिकायत नहीं है ऐ जिदंगी
जो भी दिया है वही बहुत है।

क्या बेचकर हम खरीदें फुर्सत..ऐ जिंदगी
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में।


धूप में निकलो, घटाओं में नहाकर देखो
ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो।

जिस दिन किताब-ए-इश्क की तक्मील हो गई
रख देंगे ज़िन्दगी तेरा... बस्ता उठा के हम।

जीत भी मेरी और हार भी मेरी
तलवार भी मेरी और धार भी मेरी
ज़िन्दगी ये मेरी कुछ यूं सवार है मुझ पर
डूबी भी मेरी और पार भी मेरी।

ज़िन्दगी हर हाल में एक मुकाम माँगती है
किसी का नाम तो किसी से ईमान माँगती है
बड़ी हिफाजत से रखना पड़ता है दोस्त इसे
रूठ जाए तो मौत का सामान माँगती हैं।

कभी बनती थी तो
कभी बिगड़ कर बैठ जाती थी
तेरे साथ जैसी भी थी जिंदगी
जिंदगी जैसी तो थी।

जब रूह किसी बोझ से थक जाती है
एहसास की लौ और भी बढ़ जाती है
मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी की तरफ लेकिन
ज़ंजीर सी पाँव में छनक जाती है।

मौत से कैसा डर..मिनटों का खेल है
आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है।

ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं
रूह को दर्द मिला... दर्द को आँखें न मिली
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं।

चाहा है तुझको तेरे तगाफुल के बावजूद
ऐ ज़िन्दगी तू भी याद करेगी कभी हमें।

ज़िन्दगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जाने
हम तो नाकाम ही रहे चाहने वालों की तरह।

कदम-कदम पे नया इम्तिहान रखती है
ज़िन्दगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है।


कभी धूप दे... कभी बदलियाँ
दिलो जान से दोनों क़बूल हैं
मगर उस नगर में न कैद कर
जहाँ जिंदगी की हवा न हो।

दुनिया में सैकड़ों दर्दमंद मिलते हैं
पर काम के लोग चंद मिलते हैं
जब मुसीबत का वक़्त आता है
सब के दरवाजे बंद मिलते हैं।

सफर ज़िन्दगी का बहुत ही हसीन है
सभी को किसी न किसी की तालाश है
किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं
और किसी के पास राह है तो मंज़िल नहीं।

शायद यही ज़िंदगी का इम्तिहान होता है
हर एक शख्स किसी का गुलाम होता है
कोई ढूढ़ता है ज़िंदगी भर मंज़िलों को
कोई पाकर मंज़िलों को भी बेमुकाम होता है।

मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो
कई अपने मेरे बदल गये अब तो
करते थे बात आँधियों में साथ देने की
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।

अगर तुमसे कोई पूछे बताओ जिंदगी क्या है
हथेली पर जरा सी ख़ाक रखना और उड़ा देना।

कल न हम होंगे न कोई गिला होगा
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा
जो लम्हे हैं चलो हँसकर बिता लें
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।

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