15 अश्क़ शायरी हिन्दी

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अश्क़ शायरी हिन्दी

अश्क़ शायरी हिन्दी { Ashq Shayari in Hindi}



थमे आँसू तो फिर तुम शौक़ से घर को चले जाना
कहाँ जाते हो इस तूफ़ान में पानी ज़रा ठहरे

हौंसला तुझमें न था मुझसे जुदा होने का
वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता

हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती है
कभी बादल बरसते हैं कभी आँखें बरसतीं हैं

मेरे ख़त में जो भीगी भीगी सी लिखावट है
स्याही में थोड़ी सी मेरे अश्कों की मिलावट है

आँखों में कौन आ के इलाही निकल गया
किस की तलाश में मेरे अश्क़ रवां चले

आँखों में आँसू लेके होठों से मुस्कुराये
हम जैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बताये

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं
तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले

हमारे आंसू पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं
इसी अदा से वो दिल को चुराते हैं
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं

रोने की सज़ा है न रुलाने की सज़ा है
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है
हँसते हैं तो आँखों से निकलते हैं आँसू
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है

इनको कभी आँख से गिरने नहीं देता
उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू

सदफ की क्या हकीकत है, अगर उसमें न हो गौहर
न क्यों कर आबरू हो आंख की मौकूफ आंसू पर
(सदफ  सीप, गौहर मोती)

आफताब की गर्मी से दरिया का पानी ख़त्म नहीं होता
लैला के इंकार से मजनू का जज़्बा कम नहीं होता
फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त
किसी भी हाल में अश्कों का बहना काम नहीं होता

कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आँसू
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ

जान ए तन्हा पे गुजर जायें हजारो सदमें
आँख से अश्क रवाँ हों ये ज़रूरी तो नहीं

हुए जिसपे मेहरबां तुम कोई खुशनसीब होगा
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर

एक आँसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में
बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई


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