20 बेवफा शायरी हिंदी में, बेवफा प्यार शायरी, जबरदस्त बेवफाई शायरी, बेवफा शायरी फेसबुक, बेवफाई, शायरी, बेवफा दोस्त की शायरी, तुम बेवफा हो शायरी, बेवफा प्यार शायरी 2020, बेवफा प्यार शायरी 2019
माना कि मोहब्बत की ये भी एक हकीकत है फिर भी
जितना तुम बदले हो उतना भी नहीं बदला जाता।
ये चिराग-ए-जान भी अजीब है
कि जला हुआ है अभी तलक
उसकी बेवफाई की आँधियाँ तो
कभी की आ के गुजर गईं
किस-किस को तू खुदा बनाएगी
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी
दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है
ट्रैफिक सिग्नल पर आज उसकी याद आ गई
रंग उसने भी अपना कुछ इसी तरह बदला था
ढूंढ़ तो लेते अपने प्यार को हम
शहर में भीड़ इतनी भी न थी
पर रोक दी तलाश हमने
क्योंकि वो खोये नहीं बदल गए थे
ये नजर चुराने की आदत
आज भी नही बदली उनकी
कभी मेरे लिए जमाने से और
अब जमाने के लिए हमसे
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम
गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम
जो कहते थे हमसे हैं तेरे सनम
वो दगा दे गए देखते देखते
छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में
चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में
शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई
तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में
अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे
ऐ बेवफा तेरी बेवफ़ाई में दिल बेकरार ना करूँ
अगर तू कह दे तो तेरा इंतेज़ार ही ना करूँ
तू बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर
कि तेरे बाद मैं किसी से प्यार ही ना करूँ
नज़ारे तो बदलेंगे ही ये तो कुदरत है
अफ़सोस तो हमें तेरे बदलने का हुआ है
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला
ये नजर चुराने की आदत
आज भी नही बदली उनकी
कभी मेरे लिए जमाने से और
अब जमाने के लिए हमसे
देते मोहब्बत का इनाम क्या
वो सजा दे गए देखते देखते
अब भी तड़प रहा है तू उसकी याद में
उस बेवफा ने तेरे बाद कितने भुला दिए
मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है
मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है
वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी
ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है
सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे
जो बेवफा हो गए देखते देखते
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला
अब भी तड़प रहा है तू उसकी याद में
उस बेवफा ने तेरे बाद कितने भुला दिए
20 बेवफा शायरी हिंदी में
माना कि मोहब्बत की ये भी एक हकीकत है फिर भी
जितना तुम बदले हो उतना भी नहीं बदला जाता।
ये चिराग-ए-जान भी अजीब है
कि जला हुआ है अभी तलक
उसकी बेवफाई की आँधियाँ तो
कभी की आ के गुजर गईं
किस-किस को तू खुदा बनाएगी
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी
दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है
ट्रैफिक सिग्नल पर आज उसकी याद आ गई
रंग उसने भी अपना कुछ इसी तरह बदला था
ढूंढ़ तो लेते अपने प्यार को हम
शहर में भीड़ इतनी भी न थी
पर रोक दी तलाश हमने
क्योंकि वो खोये नहीं बदल गए थे
ये नजर चुराने की आदत
आज भी नही बदली उनकी
कभी मेरे लिए जमाने से और
अब जमाने के लिए हमसे
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम
गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम
जो कहते थे हमसे हैं तेरे सनम
वो दगा दे गए देखते देखते
छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में
चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में
शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई
तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में
अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे
ऐ बेवफा तेरी बेवफ़ाई में दिल बेकरार ना करूँ
अगर तू कह दे तो तेरा इंतेज़ार ही ना करूँ
तू बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर
कि तेरे बाद मैं किसी से प्यार ही ना करूँ
नज़ारे तो बदलेंगे ही ये तो कुदरत है
अफ़सोस तो हमें तेरे बदलने का हुआ है
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला
ये नजर चुराने की आदत
आज भी नही बदली उनकी
कभी मेरे लिए जमाने से और
अब जमाने के लिए हमसे
देते मोहब्बत का इनाम क्या
वो सजा दे गए देखते देखते
अब भी तड़प रहा है तू उसकी याद में
उस बेवफा ने तेरे बाद कितने भुला दिए
मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है
मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है
वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी
ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है
सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे
जो बेवफा हो गए देखते देखते
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला
अब भी तड़प रहा है तू उसकी याद में
उस बेवफा ने तेरे बाद कितने भुला दिए
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